Bitcoin Today, Tomorrow and Yesterday बिटकॉइन का सफ़र

दोस्तो साल 2010 के अंत में एक बिटक्वाइन की कीमत आधे डॉलर से भी कम थी और आज उसी बिटक्वाइन की कीमत 65 हजार डॉलर को पार कर चुकी है। दुनिया में अभी तक कोई भी यह नहीं जानता कि बिटक्वाइन को आखिर किसने बनाया। इसके क्रिएटर के रूप में लोगों को सिर्फ एक नाम मालूम है। संतोषी नाकाम हो तो अब संतोषी नाकाम हो तो कोई एक इंसान है क्या पूरी टीम या ऑर्गनाइजेशन इस नाम का कोई व्यक्ति दुनिया में है भी या नहीं इनमें से किसी भी सवाल का जवाब किसी के भी पास नहीं है।

Bitcoin Starting Price and Higher Lower Price
All About Bitcoin Journey Today

खैर चलिए पहले हम ये जानते हैं कि जब दुनिया में कई सारी करंसी मौजूद थी तो फिर बिटक्वाइन को बनाने का क्या मतलब था। क्या इसके पीछे सच में कोई चौंकानेवाली बात है। आज हम इस आर्टिकल में जानने वाले हैं। दोस्तों आज से हजारों साल पहले जब दुनिया में कोई करंसी नहीं होती थी तब हमारे पूर्वज चीजों को खरीदने व बेचने के लिए बार्टर सिस्टम का इस्तेमाल किया करते थे। इस सिस्टम के अनुसार लोग आपस में एक दूसरे से चीजों के बदले चीजें लेते थे।

How to cash bitcoin
Bitcoin V/S Barter System


उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति के पास चावल होती और वो उनके बदले में गेहूं लेना चाहता तो वो किसी ऐसे व्यक्ति को ढूंढता था जिसे चावलों की जरूरत हो और उसके पास गेहूं मौजूद हो और फिर ये दोनों लोग आपस में अपनी चीजें बदल लेते थे। लेकिन इस सिस्टम में एक कमी ये थी कि ये पूरी तरह लोगों की इच्छाओं और जरूरतों पर निर्भर था। मान लीजिए किसी व्यक्ति को चावल चाहिए लेकिन कोई भी दूसरा व्यक्ति अपने चावल न देना चाहता हो तो ऐसे में वो पहला व्यक्ति किसी भी तरह चावल हासिल नहीं कर सकता और इसी परेशानी को दूर करने के लिए दुनिया में सिक्कों की शुरूआत हुई थी।

अलग अलग धातुओं के सिक्के अपनी अलग अलग वैल्यू रखते थे। उस समय सबसे ज्यादा वैल्यू सोने के सिक्कों की होती थी। इसी तरह हजारों सालों का समय बीतने के बाद दुनिया में पेपर करंसी यानी कागज के नोटों का इस्तेमाल होना शुरू हुआ जिनकी वैल्यू उस देश के रिजर्व में मौजूद गोल्ड से सीधा लिंक होती थी यानि देश के अंदर जितना गोल्ड होता था उतनी ही वैल्यू के नोट उस देश में छापे जाते थे और इस मॉनेटरी सिस्टम को गोल्ड स्टैंडर्ड कहा जाता था। इसके बाद दुनिया में अलग अलग देशों ने गोल्ड स्टैंडर्ड को छोड़कर एक नई मॉनेटरी सिस्टम को अपनाना शुरू कर दिया जिसे फिएट मनी कहा जाता है। इस नए सिस्टम के अनुसार देश की करेंसी उस देश के रिजर्व में मौजूद गोल्ड से लिंक नहीं होती बल्कि ये एक ऐसा सिस्टम है इसमें सरकार अपनी जरूरतों के हिसाब से करंसी छापती है और देश के सभी नागरिक सरकार द्वारा छापी गई उस करंसी पर ये विश्वास करते हैं कि उसके ऊपर जो नंबर्स लिखे हुए हैं वही उसकी असली वैल्यू है। इस मॉनेटरी सिस्टम में करंसी पर सरकार का कंट्रोल और भी ज्यादा मजबूत हो जाता है यानी ये सिस्टम पूरी तरह ट्रस्ट पर आधारित है। जो लोग अपनी सरकार में रखते हैं लेकिन सोचिए क्या होगा अगर लोगों का सरकार से ट्रस्ट ही खत्म हो जाए तो ऐसी स्थिति में लोग किसकी तरफ अपना रुख करेंगे।

Bitcoin Start Date and Bitcoin Start Price: (When Did Bitcoin Born)

इसी सवाल के जवाब में दुनिया के अंदर बिटक्वाइन नाम की डिजिटल करेंसी का जन्म हुआ था। इस साल 2008 का वो समय था जब पूरी दुनिया भयंकर ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस से गूंज रही थी और उसी दौरान दुनिया में एक इमेल फैलना शुरू हुआ जिसका टाइटल था बिटक्वाइन अपीयर टू पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम। 9 पेज का ये इमेल एक अज्ञात व्यक्ति सतोषी नाकामोटो के नाम से लिखा गया था जिसके अंदर उन्होंने दुनिया के सामने बिटक्वाइन नाम के एक नए इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम को पेश किया था। इस ईमेल में लिखा था कि इस कैश सिस्टम का इस्तेमाल करके लोग एक दूसरे को बिना किसी सेंट्रल बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के पास जाए डायरेक्टली पेमेंट सेंड कर सकते हैं। ये ईमेल अपने आप में बिटक्वाइन सिस्टम के एक ब्लूप्रिंट की तरह था जिसमें संतोषी नाकामोटो ने सारी इन्फॉर्मेशन को अच्छी तरह डिस्क्राइब किया था। (How to bitcoin minning) इस सिस्टम को बनाने में नाकामोटो ने मैथेमेटिक्स कंप्यूटर साइंस और क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया था और इन तीनों को मिलाकर जो मजबूत व सिक्योर सिस्टम तैयार हुआ उसी को आज हम ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी के नाम से जानते हैं।

Bitcoin Journey Higher Lower and Popularity

अब इस तरह से बिटक्वाइन तो दुनिया में आ गया। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर इसकी कीमत इतनी कम समय में इतनी ज्यादा ऊपर कैसे पहुंची। असल में बिटक्वाइन की क़ीमत उसकी डिमांड के अनुसार ऊपर नीचे होती है तो अगर हमें ये जानना है कि बिटक्वाइन की कीमत 65 हजार डॉलर तक कैसे पहुंची तो इसके लिए हमें यह समझना होगा कि पिछले कुछ सालों में इसकी डिमांड इतनी ज्यादा क्यों और कैसे बढ़ी। दरअसल साल 2009 की शुरूआत में सतोषी नाकामोटो ने बिटक्वाइन के सबसे पहले ब्लॉक को माइन किया था जिसे जेनेसिस ब्लॉक के नाम से जाना जाता है। शुरूआत में बिटक्वाइन को अपनाने वाले लोग सिर्फ अपने शौक के चलते इसको माइन करते थे क्योंकि जनवरी 2010 तक बिटक्वाइन की वैल्यू जीरो थी। लेकिन मई 2010 में कुछ ऐसा हुआ जिसने सबकुछ बदलकर रख दिया। दोस्तो हम सभी को पता है कि क्रिप्टो करंसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस का फ्यूचर है इसलिए आज हम बात करेंगे क्वाइन स्विच कुबेर के बारे में। (How to Cash Bit Coin) दरसल ये एक क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग अप्लिकेशन है जिसमें 10 मिलियन से ज्यादा यूजर्स इस प्लैटफॉर्म को ज्वाइन कर चुके हैं। यहां आप 75 से भी ज्यादा क्रिप्टो करेंसीज में इन्वेस्ट कर सकते हैं और इन्वेस्ट करने की शुरूआत सिर्फ 100 रुपए से की जा सकती है। How to Create Account in Coin Switch KuberH इसके स्मार्ट और सुपर फास्ट केवाईसी की मदद से एकाउंट एक्टिव होने में बिल्कुल भी समय नहीं लगता और ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने की तरह इस ऐप की मदद से क्रिप्टो करेंसीज में इनवेस्ट करना काफी आसान है। इसमें आपको इंस्टैंट डिपॉजिट और विड्रॉल के साथ साथ लाजवाब कस्टमर सपोर्ट भी मिलता है। आपके ट्रेडिंग एक्सपीरियंस को आसान बनाने के लिए इसमें लिमिट ऑर्डर्स को इंट्रोड्यूस किया गया है जो कि दोस्तों आप सभी क्वाइंस के लिए अवेलबल हैं। ये प्लैटफॉर्म बिगनर और डेली डिवाइड दोनों के लिए बेस्ट है तो डिस्क्रिप्शन में दिए गए लिंक से (https://coinswitch.co/in/refer?tag=4JxP क्वाइन कुछ कुबेर को जरूर डाउनलोड करें क्रिप्टो करेंसीज के अधिक जानकारी के लिए क्वाइन स्विच कुबेर के यू ट्यूब चैनल को जरूर सब्सक्राइब करें। हुआ यूं कि फ्लोरिडा के रहने वाले लाजो हाईट्स नाम के एक शख्स ने 22 मई 2010 के दिन 10 हजार बिटक्वाइन के बदले। लार्ज पिज्जा खरीदे जिनकी असल कीमत 25 डॉलर थी।  

Kuber Coin Exchange
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Bitcoin Globally Legal Announce

दोस्तो ये पहली बार था जब दुनिया में बिटक्वाइन खर्च करके कोई नई चीज खरीदी गयी थी और इस तरह इस पहले ट्रांजेक्शन के साथ ही बिटक्वाइन के उस सफर की शुरूआत हुई जहां लोग इसे एक वैल्यूएबल करेंसी के रूप में देखने लगे। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बिटक्वाइन की इस पहली ट्रांजेक्शन की याद में हर साल 22 मई के दिन बिटक्वाइन पिज्जा डे मनाया जाता है। दरअसल इस पहली ट्रांजेक्शन की बदौलत साल 2010 का अंत होते होते बिटक्वाइन की कीमत जीरो से बढ़कर जीरो प्वाइंट तीन डॉलर तक पहुंच गयी थी।

इसके बाद अप्रैल 2011 के दौरान बिटक्वाइन की कीमत ने पहली बार एक डॉलर के आंकडे को छुआ लेकिन उस समय तक भी किसी को भी इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि आने वाले समय में यह कितना बड़ा धमाल मचाने वाला है बिटक्वाइन जैसे जैसे दुनिया में फैलता गया वैसे वैसे ही इसकी कीमत लगातार बढ़ती गई। ये वो समय था जब बिटक्वाइन की देखा देखी दुनिया में और भी नई नयी क्रिप्टो करेंसी आना शुरू हो गयी थी।

ये सभी क्रिप्टो करंसी बिटक्वाइन की तरह ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी पर काम करती थी और चूंकि ये बिटक्वाइन के अल्टरनेटिव थे इसलिए इन्हें ऑल्टक्वाइन कहा जाता था दोस्तों बिटक्वाइन का शुरूआती सफर काफी मुश्किल रहा क्योंकि एक तो ये दुनिया में बिल्कुल नया था जिसके चलते ज्यादातर लोग इस पर विश्वास नहीं करते और दूसरा ये कि बिटक्वाइन का नाम बहुत से विवादों में भी घिरता गया क्योंकि डार्क वेब पर illegal products को खरीदने व बेचने के लिए बिटक्वाइन का इस्तेमाल किया जाने लगा था। दरसल सिल्क रोड नाम की एक वेबसाईट गैरकानूनी चीजों को बेचने के लिए बिटक्वाइन में ट्रांजैक्शन करती थी। इस तरह बिटक्वाइन का नाम ब्लैक मार्किट के साथ जुड़ने से इसकी रेपुटेशन काफी ज्यादा खराब हो गयी थी लेकिन उन बुरे दिनों में भी इसकी डिमांड समय के साथ लगातार बढ़ती रही।

(Bit coin Highest Price and Dates)

धीरे धीरे दुनिया के अलग अलग बिजनेस बिटक्वाइन को एक रेगुलर करेंसी के रूप में एक्सेप्ट करने लगे जिसका नतीजा ये हुआ कि नवंबर 2013 में बिटक्वाइन की कीमत नए रिकॉर्ड्स बनाते हुए एक हजार डॉलर के जादुई आंकड़े तक पहुंच गयी थी। इसकी कीमत में सबसे बड़ा उछाल साल 2017 में देखने को मिला था। दरअसल हुआ ये कि मार्च 2017 के दौरान जापान में एक नया कानून पास हुआ जिसके तहत जापान में बिटक्वाइन को लीगल पेमेंट मेथड का दर्जा दे दिया गया। ये खबर पूरी दुनिया में आग की तरह फैल गयी उस समय हर न्यूज चैनल और अखबार के अंदर बिटक्वाइन का नाम था। ये वो समय था जब दुनिया में हर दूसरा इंसान बिटक्वाइन के बारे में बात कर रहा था और इस हाइप का नतीजा ये हुआ कि दिसंबर 2017 में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक बिटक्वाइन की कीमत 20 हजार डॉलर तक पहुंच गयी थी। लेकिन जितनी तेजी से बिटक्वाइन ऊपर गया।

कुछ समय बाद ही उसी रफ्तार से वापस नीचे आने लगा। इसका सबसे बड़ा कारण ये था कि चीन की सरकार ने अपने देश में चल रहे सभी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज को बैन कर दिया था और इसके इम्पैक्ट के कारण सिर्फ कुछ ही महीनों में बिटक्वाइन की कीमत 80 परसेंट तक नीचे गिर गई थी। हालांकि ऐसा नहीं था कि दुनिया में सिर्फ बिटक्वाइन की कीमत ही नीचे गिरी थी बल्कि उस समय दुनिया में जितने भी क्रिप्टो करंसी मौजूद थी उन सभी के प्राइस क्रैश हो गए थे। उस समय बहुत से लोगों ने ये कहा कि बिटक्वाइन इस क्रैश को सर्वाइव नहीं कर पाएगा। लेकिन सभी को गलत साबित करते हुए हमेशा की तरह बिटक्वाइन फिर से ऊपर उठने लगा और उस क्रैश के सिर्फ तीन साल बाद अप्रैल 2021 में ये 65000 डॉलर्स के आकड़े तक पहुंच गया।

इस समय की अगर बात करें तो आज दुनिया की बहुत सी बड़ी बड़ी कंपनियां बिटक्वाइन को रेगुलर करेंसी के रूप में एक्सेप्ट कर चुकी हैं जिनमें माइक्रोसॉफ्ट पेपल स्टारबक्स और टेस्ला जैसी मशहूर कंपनियों के नाम भी शामिल है। दरसल 24 मार्च 2021 के दिन टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क ने ट्वीट करके यह जानकारी दी थी कि लोग अगर चाहें तो वो आपसे बिटक्वाइन में पेमेंट करके भी टेस्ला कार खरीद सकते हैं दोस्तों बिटक्वाइन की शुरुवाती दौर पर अगर नजर डालें तो सतोषी नाकामोटो ने इसको एक करेंसी के रूप में इन्वेन्ट किया था और जैसा की हमने आपको बताया कि आज लोग इसको एक रियल करेंसी के रूप में एक्सेप्ट कर रहे हैं लेकिन साथ ही इस बात से भी इनकार नहीं कर सकती कि दुनिया के ज्यादातर लोग आज बिटक्वाइन को एक करेंसी से कहीं ज्यादा एक असेट की नजर से देखते हैं क्योंकि बिटक्वाइन में इन्वेस्ट करके दुनिया के न जाने कितने लोग करोड़ों रुपए का प्रॉफिट कमा चुके हैं और आज यह कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि बिटक्वाइन लोगों का विश्वास जीत चुका है बाकि दोस्तों आज के लिए बस इतना ही पोस्ट को लाइक शेयर और वेबसाइट को सब्सक्राइब करना बिल्कुल ना भूलें। आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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